🌟 धनतेरस का परिचय
धनतेरस, जिसे धन त्रयोदशी भी कहा जाता है, दीपावली के पाँच दिवसीय उत्सव की शुरुआत का प्रतीक है। यह त्योहार कार्तिक मास की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है और इसे सुख-समृद्धि, स्वास्थ्य, एवं उन्नति का प्रतीक माना जाता है।
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🕉️ धार्मिक मान्यता
धनतेरस का त्योहार भगवान धन्वंतरि और माँ लक्ष्मी से जुड़ा हुआ है। धार्मिक कथाओं के अनुसार:
समुद्र मंथन के दौरान, इस दिन भगवान धन्वंतरि अमृत कलश के साथ प्रकट हुए थे। भगवान धन्वंतरि को चिकित्सा विज्ञान के देवता और आयुर्वेद के जन्मदाता माना जाता है।
माँ लक्ष्मी को धन, समृद्धि, एवं वैभव की देवी माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि धनतेरस के दिन माँ लक्ष्मी धरती पर भ्रमण करती हैं, जिससे इस दिन उनका स्वागत विशेष रूप से किया जाता है।
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💰 खरीदारी का महत्व
धनतेरस के दिन सोने, चांदी, बर्तन, या धातु के वस्त्र खरीदना बहुत शुभ माना जाता है। इसे शुभ शगुन माना जाता है, जो परिवार में धन और खुशहाली लाता है। इस दिन विशेष रूप से लोग निम्न वस्त्रों की खरीदारी करते हैं:
धातु के बर्तन – समृद्धि का प्रतीक
सोने-चांदी के गहने – संपन्नता और शांति का प्रतीक
धन के सिक्के – खुशियों की वृद्धि का संकेत
> 📜 मान्यता है कि इस दिन जो भी वस्त्र खरीदी जाती है, वह लंबे समय तक घर में सुख-समृद्धि बनाए रखती है।
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🙏 पूजा एवं अनुष्ठान
धनतेरस के दिन विशेष पूजा की जाती है, जिसमें मुख्य रूप से माँ लक्ष्मी, भगवान धन्वंतरि, और कुबेर देव का पूजन किया जाता है। इस दिन पूजा में निम्नलिखित अनुष्ठान किए जाते हैं:
1. दीप प्रज्वलन – पूरे घर में दीप जलाए जाते हैं ताकि नकारात्मक ऊर्जा दूर हो।
2. स्वच्छता – घर की साफ-सफाई कर देवी लक्ष्मी के आगमन के लिए तैयारी की जाती है।
3. पूजन सामग्री – चावल, फूल, दीया, धूप, मिठाई आदि का प्रयोग कर माँ लक्ष्मी का पूजन किया जाता है।
> 🌺 यह मान्यता है कि धनतेरस के दिन माँ लक्ष्मी का पूजन करने से घर में साल भर धन की वृद्धि होती है और परिवार में खुशहाली बनी रहती है।
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📈 व्यवसायिक महत्ता
व्यापारी वर्ग के लिए यह दिन विशेष महत्व रखता है। धनतेरस पर व्यापारी लोग अपने खातों की पूजा करते हैं और नए खाता-बही का आरंभ करते हैं। यह विश्वास है कि इससे व्यवसाय में सफलता और लाभ बढ़ता है।
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🎉 सांस्कृतिक परंपराएँ
धनतेरस पर लोग अपने घरों और दुकानों को सजाते हैं, रंगोली बनाते हैं और एक-दूसरे को मिठाई व उपहार देते हैं। यह त्योहार केवल धार्मिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी समृद्धि का प्रतीक है।
> इस प्रकार, धनतेरस का त्यौहार न केवल धार्मिक श्रद्धा, बल्कि सांस्कृतिक उत्साह और भौतिक उन्नति का संदेश देता है।
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💬 निष्कर्ष
धनतेरस का पर्व मानवीय इच्छाओं, धन की कामना और आरोग्य के प्रतीक रूप में मनाया जाता है। इस दिन लोग भगवान धन्वंतरि और माँ लक्ष्मी का पूजन कर उनके आशीर्वाद की प्राप्ति के
लिए प्रार्थना करते हैं, ताकि उनके जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि का आगमन हो।